तारे जो नज़र आते हैं नभ में,
वैसी ही कहानी बनी सब में,
ऐसा लगता है मानो दुनिया कि छत पे एक विशाल आइना जड़ा हो,
बिलकुल मुझ जैसा एक मनुष्य सुदूर मेरे ऊपर खड़ा हो |
वो मनुष्य रुपी तारा है,
मेरे जीवन का सारांश सारा है |
धरा पे जितना अँधेरा नभ में उतने तारे नज़र आते हैं,
इससे पता चलता है कि एक स्थान के अंधकार से दूसरे के उजाले नज़र आते हैं|
जैसे ही सुबह हो जाती है,
तारो कि दुनिया नज़र नहीं आती है,
सिर्फ एक प्रमुख तारा सूर्य छा जाता है,
भूमंडल कि चकाचौंध को स्वयं खा जाता है |
चंद्रमा या आफताब,
एक प्राकृतिक उपग्रह या किसी पतिव्रता का ख्वाब,
यह चाँद आकाश का ध्वज है,
किसी गरीब मुसलमान कि इकलौती हज है |
आज नभ में एक टूटा तारा था,
जिसको वायुमंडल का सहारा था,
मतलब कम से कम यह तारे औंधे मुँह तो नहीं गिरते धरा पर,
नष्ट हो जाते हैं नभ और ज़मीन के बीच न जाने कहाँ पर|
वैसे ही शायद मनुष्य है,
उसकी मृत्यु एक सरल रहस्य है,
हम भी ज़मीन से सीधा ऊपर नहीं जाते हैं,
कहीं बीच में ही अटक जाते हैं,
अधिकाँश लोग मरणोपरांत भटक जाते हैं,
और चंद खुशनसीब खुद से और खुदा से लिपट जाते हैं|
Insightful.
ReplyDeleteawsme jst awsme poem dude....I really never thought a kool n gen-x guy lyk u cn hv such a dept...
ReplyDeletei don't believe you wrote this. No sir, you CANNOT be THAT awesome!
ReplyDeleteबहुत दिनों के बाद एक अछी हिन्दी कविता पढ़ी... :)
ReplyDeleteजीवन की सच्चाई बयां करती आपकी यह कविता कहे या यूं कहें की कविता में सिमटती है हमारी तुम्हारी कहानी...
ReplyDeleteजीवन की सच्चाई बयां करती आपकी यह कविता कहे या यूं कहें की कविता में सिमटती है हमारी तुम्हारी कहानी...
DeleteSahi hai boss, best part of your blog is that you write in Hindi humari matra bhasha, and I even saw you usually answer the english question in Hindi,
ReplyDelete;) 1 jumbo like
Aap hamesha hi badhiya badhiya baatein zahir krte hain apne lekhan dwara.
ReplyDeleteAap me vo sab khoobiyaan hai jo ek insaan me mai hamesha se dhunshti hu, aur tabhi aapki deewani(fan)hun Ayushmann ji !
Aasha krti hu ki meri Hindi me adhik galatiyaan nahi hain ! :)
Bhagwaan aapko Deerghaayu de... Ayushmann Bhawa !!!
Aap hamesha hi badhiya badhiya baatein zahir krte hain apne lekhan dwara.
ReplyDeleteAap me vo sab khoobiyaan hai jo ek insaan me mai hamesha se dhunshti hu, aur tabhi aapki deewani(fan)hun Ayushmann ji !
Aasha krti hu ki meri Hindi me adhik galatiyaan nahi hain ! :)
Bhagwaan aapko Deerghaayu de... Ayushmann Bhawa !!!
Aap ki kavita heart ko touch karti hui hai
ReplyDeleteLast line kya ultimate tha!
ReplyDeletewhy Hindi ? how come urdu speaking across teh border would abe to read this ? love you man
ReplyDeleteIt was just awesome.
ReplyDeleteDeep
ReplyDeleteBuhut sunder
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